सुश्री डॉक्टर विभा गुप्ता, सेवानिवृत्त प्राध्यापक हिंदी विभाग, कमला नेहरू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, वह महिला हैं जो मेरी प्रेरणा हैं | वह हमारी पडोसी भी हैं और एक सहृदय और दयालु महिला भी | वे उम्र में मेरी नानी के समान हैं और अनुभव में उनसे कई गुना ज़्यादा |
जीवन के कई खट्टे - मीठे प्रकरण वो बहुत ही सादा शब्दों में मुझे सुनाती रहती हैं | वो मुझे जीवन में मेहनत , ईमानदारी,आत्मविश्वास ,आशा , निर्भयता और इसी प्रकार के अन्य गुणों का पाठ सिखाती हैं जिनको में बाड़े चाव से सुनती हूँ और अपने जवीन में उपयोग करने का प्रयत्न करती हूँ। अपने पूरे जीवन में उन्होंने सादगी भरा आचरण किया और कभी भी किसी प्रकार के लालच से कोई कार्य नहीं किया। मुझे उन्होंने हमेशा कक्षा में ध्यानपूर्वक पढ़ने के लिए प्रेरित किया। हमेशा यह समझाया की ज्ञान ही ऐसी सम्पति है जिसे कोई चोर चुरा नहीं सकता | यह भी समझाया कि ज्ञान के द्वारा आप जीवन में धन के साथ - साथ समझ और पूर्ण संतुष्टि पा सकते हैं |
मुझे विभा आंटी के साथ उनके महाविद्यालय में गाँधी जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम देखने का मौका मिला | इस दौरान उनको जो आदर अन्य छात्रों तथा शिक्षकगणों के द्वारा मिला उसको देखकर मन में ख़ुशी हुई तथा मेरे द्वारा उनको अपना मार्गदर्शक मानना सही महसूस हुआ | वैसे तो विश्व में बहुत महान लोग हुए है और सभी लोगो से कुछ न कुछ प्रेरणा ली जा सकती है , परन्तु विभा आंटी ने जितने स्नेह से समय समय पर मेरा मार्गदर्शन किया है उतना किसी अन्य व्यक्ति अथवा जीवनी से पाना काफी मुश्किल होगा | उनका मेरे जीवन में एक यादगार स्थान है | उनका मानना हैं कि मैं आज जो भी हूँ अपने माता पिता और अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से हूँ |
Oshi Singh
VIII D
Gyanshree School
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