Showing posts with label प्राकृतिक चक्र. Show all posts
Showing posts with label प्राकृतिक चक्र. Show all posts

Saturday, 13 August 2022

अगर मैं एक बाघ होता - रिशोना चोपड़ा

अगर मैं एक बाघ होता तो मैं जंगल पर राज करता और बहुत सारे कानून और नियम बनाता। काश, मैं हर किसी को शाकाहारी बना पाता, लेकिन चूंकि यह प्राकृतिक चक्र को प्रभावित करता है, इसलिए मैंने सभी से वादा किया होता कि उन्हें पर्याप्त भोजन मिलेगा और मैं भूखा नहीं मरूंगा।

मैं अपने लिए शिकार करता और बाघ डॉक्टर बन जाता और जानवरों और अन्य बाघों का इलाज करता। मैं कभी किसी इंसान को हमारी जाति में कटौती नहीं करने दूंगा। इंसान हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है। मनुष्य हमारी त्वचा को कुतरते हैं और उससे कपड़ा बनाते हैं। हमारा परिवार लुप्त हो रहा है। काश इंसान हमारी भावनाओं को समझे और वो हमसे न लड़े और न हम उनसे लड़ें।

रिशोना चोपड़ा
कक्षा 6
ज्ञानश्री स्कूल

Reflections Since 2021