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Sunday, 20 April 2025

गलतियाँ करना और कमियों को स्वीकारना

My Good School, April 20, 2025, part 2.

जुगजीव सर और मनीषा मैम आपको किताबें पढ़कर और पढ़ने के मूल्यों और अन्य पहलुओं के बारे में बातचीत करके रोमांचित करेंगे जो आपको दुनिया का सामना करने के लिए तैयार करने में मदद करेंगे। कोई भी पीछे नहीं रहेगा क्योंकि वे अंग्रेजी और हिंदी में समझाएंगे; कृपया अपने गुरुओं से बेझिझक बात करें और अपनी भाषा में सवाल पूछेंI

Mistakes help us grow, acceptance helps us glow!
✨ सारांश (Summary):

हर इंसान गलती करता है – यही जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है। लेकिन जो व्यक्ति अपनी गलतियों को पहचानता है और उन्हें सुधारने का साहस रखता है, वही सच्चे अर्थों में आगे बढ़ता है। कमियों को छिपाने की बजाय जब हम उन्हें स्वीकार करते हैं, तो हम खुद को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम उठाते हैं। यह स्वीकार्यता ही हमें आत्मनिरीक्षण, आत्मसंयम और आत्मविकास की ओर ले जाती है।

📝 चिंतन प्रश्न:

1️⃣ हर गलती हमें कुछ नया सिखाने का मौका देती है। जब हम सोचते हैं कि हमने उस स्थिति से क्या सीखा, तो हम अपनी सोच और व्यवहार में बदलाव लाते हैं।
प्रश्न: आपने अब तक कौन-सी गलती से सबसे ज़्यादा सीखा है?

2️⃣ स्वीकार्यता आत्म-समझदारी की निशानी है। जब हम अपनी कमजोरियों को पहचानते हैं, तभी हम उन्हें सुधार सकते हैं।
प्रश्न: क्या आप अपनी कमियों को आसानी से स्वीकार कर पाते हैं? क्यों या क्यों नहीं?

3️⃣ कभी-कभी आलोचना को स्वीकार करना मुश्किल होता है, लेकिन वही प्रतिक्रिया तय करती है कि हम कितने खुले और सीखने को तैयार हैं।
प्रश्न: जब कोई आपकी गलती पर ध्यान दिलाता है, तो आपकी प्रतिक्रिया कैसी होती है?

4️⃣ गलती के बाद हमारा अगला कदम सबसे महत्वपूर्ण होता है। सुधार की दिशा में उठाया गया हर प्रयास हमें आत्मनिर्भर बनाता है।
प्रश्न: आप अपनी गलतियों को सुधारने के लिए क्या कदम उठाते हैं?

5️⃣दूसरों की गलतियों को माफ़ करना हमें बड़ा बनाता है। क्षमा करने से हमारे रिश्ते मजबूत होते हैं और दिल हल्का होता है।
प्रश्न: क्या आपने कभी किसी को उसकी गलती के लिए क्षमा किया? कैसा महसूस हुआ?

6️⃣ आत्ममंथन हमें यह सोचने का मौका देता है कि हम और बेहतर कैसे बन सकते हैं – यह बदलाव की शुरुआत है।
प्रश्न: अगर आप कोई एक चीज़ अपने व्यवहार में सुधार सकते, तो वो क्या होती?

7️⃣ दूसरों की गलतियों को सहानुभूति से देखना हमें एक अच्छा श्रोता और दयालु इंसान बनाता है। इससे सहयोग और टीम भावना बढ़ती है।
प्रश्न: आप दूसरों की कमियों को किस तरह समझने की कोशिश करते हैं?

🙏 Thank you so much for attending the session today.
Your presence, attention, and thoughtful participation truly made it a special occasion.

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✉️ mk@learningforward.org.in

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